प्रस्तावना
भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और लॉजिस्टिक सेक्टर को हरित ऊर्जा की ओर मोड़ने के लिए एक क्रांतिकारी योजना की शुरुआत की है – PM E-DRIVE। यह योजना विशेष रूप से पोर्ट्स और लॉजिस्टिक हब्स के बीच इलेक्ट्रिक ट्रकों (Electric Trucks) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों की खरीद, संचालन, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और ड्राइवर प्रशिक्षण के लिए सरकारी सब्सिडी, कर में छूट, और इन्फ्रास्ट्रक्चर समर्थन प्रदान किया जाएगा।
यह पहल भारत के नेट-ज़ीरो कार्बन एमिशन लक्ष्य 2070 को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। आइए विस्तार से जानते हैं योजना के हर पहलू को।
योजना का मुख्य उद्देश्य
- पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को इलेक्ट्रिक ट्रक के ज़रिए ग्रीन बनाना।
- डीज़ल आधारित भारी वाहनों को इलेक्ट्रिक विकल्पों से बदलना।
- लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना।
- प्रदूषण घटाकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
- भारत को ई-मोबिलिटी का वैश्विक लीडर बनाना।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
सुविधा | विवरण |
---|---|
सब्सिडी | इलेक्ट्रिक ट्रकों की खरीद पर 30% तक सब्सिडी |
कर छूट | GST, रोड टैक्स, रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट |
चार्जिंग स्टेशन | पोर्ट्स और लॉजिस्टिक पार्कों में तेज़ चार्जिंग स्टेशन |
बैटरी स्वैपिंग | बड़े ट्रक डिपो में बैटरी स्वैपिंग सेंटर |
प्रशिक्षण | ई-ट्रक ऑपरेशन के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग प्रोग्राम |
पीएलआई योजना | इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को प्रोत्साहन |
किन क्षेत्रों में होगा लागू?
PM E-DRIVE योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा, प्राथमिकता इन जगहों को दी जाएगी:
- मेजर पोर्ट्स: मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, विशाखापत्तनम, कांडला, पारादीप आदि।
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) हब्स
- इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक क्लस्टर: नोएडा, अहमदाबाद, नागपुर, पुणे, इंदौर, भिवंडी आदि।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर
- चार्जिंग स्टेशन हर 25 किमी की दूरी पर होंगे।
- ट्रकों के लिए तेज़ चार्जिंग (Fast Charging) की सुविधा।
- सौर ऊर्जा आधारित चार्जिंग हब्स का निर्माण।
- पोर्ट्स के पास मल्टी-मॉडल चार्जिंग क्लस्टर।
आर्थिक लाभ
क्षेत्र | लाभ |
लॉजिस्टिक ऑपरेटर | फ्यूल लागत में 40% तक की कमी |
ड्राइवर | स्वचालित ट्रक से काम आसान और सुरक्षित |
ग्राहक | सामान सस्ता और समय पर डिलीवरी |
सरकार | तेल आयात पर खर्च में कटौती |
पर्यावरणीय प्रभाव
- हर 1 इलेक्ट्रिक ट्रक से सालाना 15 टन CO₂ की कमी।
- डीज़ल फ्यूल पर निर्भरता में बड़ी गिरावट।
- लॉजिस्टिक शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार।
कौन उठा सकता है लाभ?
- लॉजिस्टिक कंपनियाँ – जिन्हें लंबे रूट पर ट्रकिंग की आवश्यकता है।
- पोर्ट ऑपरेटर्स – पोर्ट से गोदाम तक ग्रीन ट्रांसपोर्ट।
- ट्रक ओनर/ऑपरेटर – कम लागत और अधिक मुनाफा।
- स्टार्टअप्स – ई-ट्रक सेवा, बैटरी सर्विसिंग, ड्राइवर ट्रेनिंग में अवसर।
योजना की समयसीमा
चरण | समयसीमा |
पायलट प्रोजेक्ट | जुलाई – दिसंबर 2025 |
पहले 10 राज्य | जनवरी – जून 2026 |
राष्ट्रीय विस्तार | 2026 के अंत तक |
सरकार की तैयारी
- भारतीय बंदरगाह प्राधिकरण (IPA) और NITI Aayog के साथ समन्वय।
- इलेक्ट्रिक ट्रक नीति 2025 का ड्राफ्ट तैयार।
- EV कंपनियों को PLI स्कीम में शामिल किया गया।
- राज्य सरकारों को अनुदान और सहयोग के निर्देश।
चुनौतियाँ
- हाई-कैपेसिटी बैटरियों की कीमत अभी भी ज्यादा है।
- लंबी दूरी के लिए चार्जिंग नेटवर्क सीमित।
- ड्राइवरों को ई-ट्रक संचालन की ट्रेनिंग देना आवश्यक।
- EV फाइनेंसिंग की प्रक्रिया अभी कठिन है।
निष्कर्ष
PM E-DRIVE योजना भारत में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में हरित क्रांति (Green Revolution) लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि लॉजिस्टिक संचालन की लागत में भी भारी गिरावट आएगी।
यदि यह योजना सही दिशा में लागू की जाती है, तो यह भारत को विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ते ग्रीन लॉजिस्टिक्स हब्स में शामिल कर सकती है।